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लेखनी प्रतियोगिता -12-May-2023


जीवन की अजब कहानी है
हर चीज तो आनी जानी है
हर पल रंग बदल देती 
परिवर्तन की मनमानी है।

समय की विषम राहों पर
परिवर्तन का रथ चलता है
अनगिन रूप धरे मिलता
अगणित रूप में छलता है।

आंखें खोली तो सुबह मिली
जो चलते चलते शाम हुई
दिनभर की कहानी लेकर के
फिर बीते कल के नाम हुई।

ये परिवर्तन की माया है
और समय की गहरी छाया है
क्या होगा समय की झोली में
परिवर्तन में ही समाया है।

कितने नौकाएं समय के इस
सागर में रोज उतरती हैं
जो परिवर्तन से डरती हैं
वो कब पार उतरती हैं।

क्यों फिर डरना परिवर्तन से
जो आया है वो जाएगा
बस वो ही सुरक्षित होगा जो
परिवर्तन में ढल पायेगा।





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3 Comments

बेहतरीन सृजन

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Reena yadav

12-May-2023 11:44 PM

बहुत ही सुन्दर 👍

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